डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आज भी जारी है। कृषि मंत्री के बातचीत के आश्वासन के बावजूद किसान दिल्ली कूच पर अड़े हैं। किसानों का कहना है कि वह दिल्ली जाकर रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए। सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है और हम दिल्ली के रामलीला मैदान में ही जाकर रुकेंगे। शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
#WATCH कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं। #FarmLaws pic.twitter.com/UpnkXK54LO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 27, 2020
किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने एनएच-24, चिल्ला सीमा, टिगरी सीमा, बहादुरगढ़ सीमा, फरीदाबाद सीमा, कालिंदी कुंज सीमा और सिंघू सीमा पर पुलिस बल तैनात किया है। पंजाब और हरियाणा से आने वाले किसानों के सिंघू सीमा से दिल्ली में प्रवेश करने की संभावना है, जिसे देखते हुए वहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान गुरुवार को 26 से 28 नवंबर तक के लिए 'दिल्ली कूच' पर निकले है। गुरुवार को दिल्ली और हरियाणा सरकार ने राज्य की सीमा पर किसानों को रोक लिया। इस दौरान पंजाब से सटे हरियाणा बॉर्डर पर हिंसक प्रदर्शन हुए। पंजाब के प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा बॉर्डर पर बैरिकेडिंग नदी में फेंक दी और पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे।
दरअसल, सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए है। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार MSP हटाने वाली है, जबकि खुद प्रधानमंत्री इससे इनकार कर चुके हैं।
.Download Dainik Bhaskar Hindi App for Latest Hindi News.
from दैनिक भास्कर हिंदी https://ift.tt/3fFpijn
https://ift.tt/3fFpiQp
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें